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जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक तरीका
दुनिया मे सबसे ज्यादा उपचार के ayurvedic चिकित्सा को अच्छा माना गया है। ayurvedic चिकित्सा उपचार प्राचीन काल से चले आ रहे है। यह लोगो व विज्ञान के आधार पर काम करने वाली चिकित्सा पद्धति है। ayurvedic से किये गए इलाज इंसान के शरीर पर ही नही बल्कि मन, आत्मा, को भी प्रभावित करता है। ayurvedic चिकित्सा उपचार मे औषधीया व वनस्पतियों व जड़ी बूटियो का इस्तमाल बीमारियो को ठीक करने मे किया जाता है।
ayurvedic चिकित्सा के उपचार ने बुडापे मे लोगो को बहुत राहत भी दिलाया है। जैसेकी, ब्लडप्रेशरकीबीमारी, मूत्रसंबंधीपरेशानिया, अवसाद, Joint Pain, डायबिटीजआदिबीमारियोकेलिए ayurvedic कोबेहदकारगरबतायाहै।
ayurvedic उपचार ज्यादातर घरलु उपचार से मिलते है। आज कल हर कोई घरेलू उपचार कर लेता है। बुडापे मे लोगो को आने वाली खास तोर Joint Pain जिनके कारण वह चल फिर नही पाते है। उसके लिए Top ayurvedic तरीको व कुछ ayurvedic जड़ीबूटियों से उनके दर्द तथा इस परेशानी को दूर किया जा सकता है।
Joint Pain क्याहै?
Joint Pain हमारे शरीर के किसी भी भाग मे जहा दो भागो का जोड़ होता है। उन जोड़ मे खिचाव, दर्द व अकड़न जैसी परेशानी आती है।
Joint Pain का इलाज घरेलू उपचार से किया जा सकता है। परंतु लंबे समय तक इस परेशानी से निपटने के लिए ayurvedic जड़ी बूटिया को बहुत ज्यादा असरदार बताया गया है।
Joint Pain के लक्षण क्या है?
अक्सर Joint मे pain समान्य दर्द की तरह ही होता है। जिससे लोगो द्वारा इसे हल्के मे लिया जाता है परंतु बाद मे यह दर्द बहुत बढ़ जाता है। जिससे आगे चलकर बहुत सी परेशानिया होने लगती है। इसके इलाज के हम मेडिकल की दवाईया भी लेने लगते है, परंतु किसी तरह का फर्क नही पड़ता है, वह दर्द कुछ समय बाद वापिस शुरू हो जाता है।
Joint Pain के समान्य रूप से 5 लक्षण आपको दिखाई से जाएगे।
यह परेशानिया आम तोर पर जोड़ो मे दर्द होने के लक्षण है।
Joint मे दर्द होने के कारण
आम तोर पर Joint Pain होना एक ही जगह पर कही समय तक बेठे रहने से भी हो जाता है परंतु कुछ ज्यादा Joint Pain होने के कारण कुछ दूसरे होते है। जिनमे से नीचे दिये निम्न है:
Joint Pain का इलाज करने के लिए Top Best ayurvedic तरीके
Joint Pain सर्दियों के आने पर ज्यादा बढ़ जाता है। Joint Pain तेज सर्दियों मे बुड़े लोगो को पूरी तरह से एक स्थान पर ही बेठा देते है। यह बीमारी 60 से 65 की उम्र मे होना ज्यादा शुरू हो जाती है। Joint pain के इलाज के लिए top ayurvedic तरीको को बताया गया है। जिसकी मदद से Joint Pain से राहत मिल सकती है।
नीचे दी गयी जड़ी बूटिया जिनका उपयोग ayurvedic चिकित्सा बहुत लंबे समय से करता आ रहा है।
निर्गुड़ी
निर्गुड़ी सबसे आम जड़ी बूटियो मे से एक है जिसका इस्तेमाल Joint Pain के उपचार के लिए किया जाता है। यह आसानी से मिल जाने वाली जड़ी बूटियो मे से एक है। ayurvedic इलाज मे इसका उपयोग से दर्द को बहुत कम कर दिया जा सकता है।
निर्गुड़ी मे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कनवल्जिंग और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे गुण पाये जाते है। जिसे joint pain के ayurvedic इलाज मे काम मे लिया जाता है। निर्गुड़ी के पत्तिया मे सबसे ज्यादा ayurvedic औषधीय के गुण होते है। इसके साथ निर्गुड़ी के बीज को भी इस्तेमाल मे लिया जाता है। यह कुछ हद तक कड़वा होता है। परंतु इसमे जोड़ो के अंदर गरम करने के गुण पाये जाते है।
ayurvedic निर्गुड़ी के तेल का उपयोग करने के लिए भी सलाह देता है। इसे आप आपने Joint मे होने वाले Pain पर लगा ले। आप इसकी पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना कर भी काम मे लिया जा सकता है। पत्ती का काढ़ा बना कर इसका सेवन किया जा सकता है।
अजवाइन
Joint Pain के इलाज के ayurvedic तरीको मे अजवाइन का भी इस्तेमाल करना बता गया है। अजवाइन पूर्व काल से ही दर्द को कम करने के लिए काम मे लिया जाता आ रहा है। अजवाइन मे एनेस्थेटिक के गुण होते है। ज्यादातर ayurvedic उपचार मे सर्दियों मे अजवाइन को काम मे लेने के लिए बताया गया है।
यह सर्दियों मे होने वाले दर्द को कम करने के लिए बहुत कारगर है। अजवाइन को आप गरमपानी मे एक चम्मच मिलकर पानी से आपके होने वाले joint pain को गीला करना है। 5 से 10 मिनट के लिए इसको करते रहना है। यह joint मे आने वाली सूजन व Pain को कम करता है।
आप इसके बीजो को पीसकर पेस्ट भी बना सकते है। इस पेस्ट को अपने जोड़ो पर लगा ले। जिससे आपको दर्द को दूर करने मे काफी मदद मिलेगी। आप रोजाना आजवाइन का पानी भी पी सकते है।
दशमूल
दशमूल एक ayurvedic जड़ी बूटी नही है परंतु यह 10 औषधीय से मिलकर इसे बनाया गया है। यह अलग अलग तरह की बीमारियो के इलाज के ayurvedic चिकत्सा मे काम मे लिया जाता है, दशमूल नाम से ही समझा जा सकता है। दस जड़ी बूटियो का एक साथ शामिल करके एक दवा बनाना। इनमें पटला, गम्भीर, बेरहटी, शालपर्णी को खास तोर से शामिल किया गया हैं। दशमूल मे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक के गुन पाये जाते है, जो Joint Pain को ठीक करने मे मदद करते है। दशमूल का तेल या पाउडर दोनों को उपयोग Joint Pain मे कर सकते है।
शल्लकी
शल्लकी को Joint Pain को कम करने के लिए ayurvedic तरीको मे एक माना गया है। यह Joint को मजबूत बनाता है, तथा दर्द को दूर करने मे मदद करता है। यह Joint Pain को ही कम नही करता बल्कि Joint मे आने वाली सूजन को भी कम करता है।
यह joint के दर्द को कम कर चलने फिरने के गति बढ़ाता है। शल्लकी का उपयोग विशेषज्ञों के द्वारा आधुनिक दर्द के हतियारों के रूप मे भी काम मे लिया जाता है। शल्लकी को पीसकर इसके पेस्ट को Joint पर लगाना चाइए। शल्लकी का तेल भी आसानी से मिल जाता है तेज का भी उपयोग कर सकते है।
नीलगिरी
नीलगिरी को Joint Pain की लिए आम तोर पर काम मे लिया जाने वाली ayurvedic जड़ी बूटी है। इसका उपयोग ayurvedic चिकत्सा मे खास तोर से करने के लिए बताया गया है। नीलगिरी के पत्ते मे joint के pain व सूजन को कम करने के लिए काम मे लिया जाता है। नीलगिरी का तेल का उपयोग सिर पर लगाने पर इसकी खुशबू से आराम मिलता है। नीलगिरी के तेल का उपयोग जोड़ो के दर्द व सूजन को कम करने मे राहत देता है।
अदरक
आम रूप से आज कल हर घरो मे अदरक मिल जाती है। अदरक को रसोइ मे काम मे लेने के लिए बहुत प्रेरित किया जाता है। अदरक ayurvedic उपचारो के इसलिए काम मे लिया जाता है क्यूकी इसमे एंटीसेप्टिक के गुण पाये जाते है।
जिससे जोड़ो का दर्द ओर सूजन को काम करने के लिए Top ayurvedic उपचार के तरीको मे बताया गया है। अदरक इंसान के शरीर मे बूल्ड को पंप करने की गति को बढ़ाने मे भी काम मे लिया जाता है। सर्दियों मे खास तोर से चाय मे अदरक का सेवन किया जाता है।
Joint Pain के लिए आप चाय भी पी सकते है, व इसका पेस्ट बना करे आपने जोड़ो पर लगा सकते है।
इन Top Best ayurvedic तरीको का इस्तेमाल डॉक्टर पहले करने को बताता है। ayurvedic इलाज के तोर पर दवाइयो का भी काम मे लिया जा सकता है। परंतु इन जड़ी बूटियो को पहले बताया जाता है। क्यूकी Joint Pain को कही गुना जल्दी इससे ठीक किया जा सकता है। हर साल बूढ़े लोगो को इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोगो कुछ समय के Joint Pain मे आराम के लिए दवाइयो का सेवन कर लेते है फिर भी joint pain कम नही हो पाता है। ayurvedic तरीको को joint pain के सबसे अच्छे तोर पर माना है। ayurvedic चिकित्सा मे इन जड़ी बूटियो को काम मे लिया जाने के लिए सलाह दी जाती है। जिससे दर्द को दूर करने के लिए दवाई की जरूरत नही पड़े।
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Anil kumar
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