Jeevan Care Ayurveda
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क्या आपको पता है योग और आयुर्वेद का क्या संबंध है। दरअसल हमारे ऋषि-मुनियों ने योग के साथ ही आयुर्वेद को भी जन्म दिया था। इसका कारण यह है कि ऋषि-मुनि सैकड़ों वर्ष तक जिंदा रहकर ध्यान और समाधि गति करना चाहते थे। इसके चलते उन्होंने दोनों ही चिकित्सा पद्धति को अपने जीवन का अंग बनाया। आयुर्वेद और योग भारत द्वारा पूरी दुनिया को दिया हुआ एक अनमोल उपहार है। यह व्यक्ति के स्वस्थ्य रहने के उन स्थाई उपायों में है जो हमारी पृथ्वी की देखभाल करते है। व्यक्ति के स्वस्थ्य रहने के लिए जितना शरीर को स्वस्थ्य रखना जरूरी होता है उतना ही जरुरी पर्यावरण को स्वस्थ्य रखना भी होता है। आयुर्वेद और योग ने लोगों को समान रूप से जागरूक किया है। इसलिए, आयुर्वेद और योग के महत्व को देखते हुए, भारत के लिए अपनी अंदरुनी शक्ति और अपनी सभ्यतागत शक्ति का विस्तार करना जरूरी है। अपने भी अपनी दादी नानी के घरेलू नुस्खे के बारे में सुना होगा। आज भी हम लोग अपनी दादी और नानी के घरेलू नुस्खे इस्तेमाल करते है आज कल लोग दवाइयों का इस्तेमाल कम कर इन घरेलू उपायों को अजमा रहे है। इन घरेलू नुस्खों से कोई नुकसान भी नहीं होता है। इसके अलावा ये स्वस्थ माध्यम से शरीर की सभी बीमारियों से रक्षा भी करते है। आयुर्वेद और योग भारत की अंदरुनी शक्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। फिर भी आज हम इनका पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है। भारत आज भी आयुर्वेदिक प्रथाओं को पूरी तरह से अपनाने में संघर्ष कर रहा है। जबकि बाहरी देश हंगरी ने आयुर्वेद को अपने प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम में शामिल किया और इसे 1997 में चिकित्सा का अनिवार्य हिस्सा बना दिया।
जीवनमेंयोगकामहत्व (Importance of yoga in life)
क्या आपको पता है हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग एक आध्यात्मिक शब्द है। योग कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है जिसका एक ही उद्देश्य है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन। योग शब्द का शाब्दिक अर्थ है जुड़ना यानि हमारा जुड़ाव ब्रह्माण्ड से होना। मनुष्य एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्राणी है, योग के माध्यम से मनुष्य के शरीर और मन में सामंजस्य स्थापित होता है। वैसे तो हमारे पास शरीर को स्वस्थ रखने के अनेक तरीके है जैसे सुबह टहलने जाता है, दौड़ता, जिम में जाकर व्यायाम करना। इन सबकी तरह योग भी शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने के लिए किया जाता है योग कुछ मायनों में भिन्न है। योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है। बहुत से ऐसे रोग और मानसिक विकार हो सकते हैं जिस पर योग कंट्रोल न भी कर पाए तो आयुर्वेद उसका विकल्प बन जाता है और बहुत से ऐसे रोग भी होते हैं जिसे आयुर्वेद न भी कंट्रोल कर पाए तो योग उसका विकल्प बन जाता है।
योग का जन्म प्राचीन काल में भारत के ऋषि-मुनियों ने सैकड़ों वर्ष पहले लिया था और आज ये योग विदेशों तक फैले गया है। दिन प्रतिदिन योग का महत्त्व हमारे जीवन में बढ़ता जा रहा है, इसका कारण है। योग से मिलने वाले फायदे। योग से न सिर्फ शारारिक बल्कि मानसिक उपचार भी होते है। पहले केवल आयुर्वेदिक रूप में ही योग को महत्त्व दिया जाता था परन्तु आज योग वैज्ञानिक रूप से भी प्रभावकारी सिद्ध हो चुका है। आज डॉक्टर्स भी अपने मरीज़ो को योग के लिए प्रोत्साहित करते है। योग आपके अंदर की बुरी आदतों के प्रभावों को उलट देता है। योग का नियमित रूप से अभ्यास करने की कला किसी व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करती है। योग तनाव और चिंता को भी कम करता है। आज योग कुछ लोगों का जीवन जीने का एक तरीका बन चुका है। कुछ लोगों को योग द्वारा तन मन के गंभीर विकारों से भी छुटकारा मिल जाता है। हर व्यक्ति को योग के महत्त्व को समझना जरूरी है। योग द्वारा व्यक्ति को आंतरिक और बाहरी शक्ति मिलती है जो आज के समय में व्यक्ति की मांग है। योग नकारात्मक विचारों से छुटकारा दिलाता है। योग शरीर को रोगमुक्त बनता है।
योगकेक्यालाभहै। (What are the benefits of yoga)
आयुर्वेदकाहमारेजीवनमेंमहत्व (Importance of Ayurveda in our life)
आयुर्वेद एक संस्कृत शब्द है इसका हिंदी में अनुवाद करें तो इसका अर्थ होता है "जीवन का विज्ञान"। आयुर्वेद का आधार है व्यक्ति के शरीर और मन का संतुलन। व्यक्ति का स्वास्थ्य भी इस नाज़ूक संतुलन पर निर्भर करता है। इसका मुख्य लक्ष्य होता है व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, न कि बीमारी से लड़ना। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं की ओर बढ़ाया जा सकता है। यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में, इसे पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा दुनिया की सबसे पुरानी और समग्र शारीरिक चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद भारत में 3000 साल पहले विकसित हुआ था। लोगों की बदलती जीवन शैली में आयुर्वेद का इंसान जल्दी राहत दिलाता है। लेकिन असाध्य बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेद पद्धति रामबाण है। आयुर्वेद से कईं बीमारीयों को रोका जा सकता है तो कुछ बीमारीयों को हावी होने से पहले ही रोका जा सकता है। आयुर्वेद में खास बात ये है के इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता। आयुर्वेद महज एक जड़ी-बूटी नही है। ये एक प्राचीन पद्धति है। जो भी लोग आयुर्वेद का अभ्यास करते है। उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति ब्रह्मांड में पाए जाने वाले पाँच मूल तत्वों से बना है: आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी। ये मानव शरीर में तीन जीवन बलों या ऊर्जाओं का संयोजन करते हैं, जिन्हें 'दोष' भी कहा जाता है। वे नियंत्रित करते हैं कि आपका शरीर कैसे काम करता है। ये तीन दोषों के नाम है। वात दोष (Excess of sky and air element), पित्त दोष (Excess of fire and water), और कपा दोष (Excess of water and earth element)
आयुर्वेदकेफायदे (Benefits of Ayurveda)
आयुर्वेदिक् कोई चमत्कार तो नही है पर आयुर्वेद के चमत्कारों का उदहारण कुछ कम भी नही हैं। अमेरिका के, कुछ राज्यों में राज्य-अनुमोदित आयुर्वेदिक स्कूल है, लेकिन इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने वालों के लिए कोई राष्ट्रीय मानक प्रशिक्षण या प्रमाणन कार्यक्रम नहीं है। जब तक आप अपने शरीर के प्रकार या तत्वों के अनुसार भोजन कर रहे है। उसके अनुसार अभ्यास कर रहे है, आयुर्वेद दावा करता है कि आप रोग मुक्त रहेंगे।
आयुर्वेदमेंपानीपीनेकेतरीके (Methods of drinking water in Ayurveda)
आयुर्वेदमेंखानाखानेकेतरीके (Methods of eating food in Ayurveda)
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Anil kumar
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