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जाने पीसीओडी और सेक्स के बीच क्या संबंध होता है साथ ही जाने कैसे ये महिलाओं की सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है
Know what is the relationship between PCOD and sex, also know how it affects the sex life of women
महिलाओं की वजायना या यूट्रस से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं होती है जो उनकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर डाल सकती हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के शरीर में बनने वाले कई तरह के हॉर्मोन भी उनकी सेक्स लाइफ, सेक्स डिजायर, और सेक्स सैटिस्फेक्शन पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। इसी तरह पीसीओडी भी महिलाओं में हॉर्मोन से जुड़ी एक समस्या है। जो की आज के समय पर महिलाओं में होना एक आम बात हो गई है। आज के समय पर हमारे देश में 10 में से 6 महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार कई महिलाओं के लिए पीसीओडी और सेक्स एक साथ होना मुश्किल हो जाता है। पीसीओडी महिलाओं के शरीर से लेकर उनकी सेक्स लाइफ तक पर प्रभाव डालता है इसी कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको लगता है कि आपको यह समस्या है तो आपको बिना झिझक के इस बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए। तो चलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे कि पीसीओडी या पीसीओएस क्या होता है, और इससे महिलाओं को किन शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है साथ ही पीसीओडी की वजह से महिलाओं की सेक्स लाइफ पर क्या असर पड़ता है। तो चलिए विस्तार से जानते है इन चीजों के बारे में।
जाने क्या होता है पीसीओडी?
Know what is PCOD?
अगर हम महिलाओं के प्रजनन प्रणाली को समझे, तो महिलाओं में हर दूसरे महीने में प्रत्येक अंडाशय में एक अंडा पैदा होता है जो की या तो शुक्राणु के संपर्क में आने से नष्ट हो जाता है या फिर मासिक धर्म यानी पीरियड आने पर नष्ट हो जाता है। लेकिन अगर किसी महिला को पीसीओडी है तो ऐसी स्थिति में अंडाशय बहुत सारे अपरिपक्व या आंशिक रूप से परिपक्व अंडे को रिलीज करता हैं जो की समय के साथ धीरे धीरे सिस्ट के रूप विकसित होने लगते हैं। महिलाओं में पीसीओडी ज्यादातर एण्ड्रोजन उत्पादन के कारण ही होता है। जो की महिलाओं के शरीर में हर महीने oocytes यानी अंडे की परिपक्वता में बाधा डालता है। साथ ही बता दें कि पीसीओडी के कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में भी समस्या आती है यानी की उन्हें बच्चे होने मे समस्या होती है। पीसीओडी हेल्दी लाइफस्टाइल और अपनी डाइट में थोड़े से बदलाव कर के या फिर दवाओं से भी नियंत्रित किया जा सकता है।
जाने क्या होता है पीसीओएस?
Know what is PCOS?
महिलाओं में पीसीओडी होना जैसे एक सामान्य समस्या है उसी तरह महिलाओं में पीसीओएस होना एक जटिल समस्या है। इसमें एण्ड्रोजन के बढ़े हुए स्तर की वजह से अनियमित मासिक चक्र या फिर दोनों अंडाशय में छोटे सिस्ट बनने की समस्या होने लगती है। एक अल्ट्रासाउंड से हर महीने 10 से अधिक कूपिक सिस्ट पाए जा सकते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ओव्यूलेशन के दौरान अंडे निकालने के बजाय, ओवरी में सिस्ट के रूप में जमा होने लगते है। जिसके कारण इसके ढ़ेर बनने लगते है, जिससे धीरे धीरे इनका आकार बढ़ने लगता है। जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उनमे फॉलिक्युलर विकास यानी अंडे के परिवक्ता में अवरोध करता है। उनके अंडाशय में माइक्रोसिस्ट की उपस्थिति, एनोव्यूलेशन और मासिक धर्म में बदलाव के कारण एंडोमेट्रियल कैंसर और कई अन्य विकार विकसित होने का अधिक खतरा होने की संभावना रहती है।
जाने पीसीओडी और पीसीओएस में क्या अंतर होता है
Know what is the difference between PCOD and PCOS
पीसीओएस को जहां महिलाओं की एक गभीर समस्या माना जाता है तो वहीं पीसीओडी को कोई बीमारी नहीं बल्की महिलाओं में लाइफस्टाइल डिस्ऑर्डर माना जाता, क्योंकि इससे सही आहार, एक्सरसाइज, हेल्दी लाइफस्टाइल और अपनी डाइट में थोड़े से बदलाव कर इससे नियंत्रित किया जा सकता है। बता दें कि पीसीओएस एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है, यह कोई अल्ट्रासाउंड फाइंडिंग बीमारी नहीं है यानी कि अगर आपके परिवार में किसी को पीसीओएस या मोटापा है तो आपको भी यह आपको भी आसानी से हो सकता है। आप पीसीओएस को आपके सिस्टम से बाहर नहीं निकाला सकते है लेकिन हां आप चाहे तो सही लाइफस्टाइल से इसके लक्षणों को सप्रेस जरूर कर सकते हो। आपको बता दें कि आज के समय पर पीसीओएस की तुलना में पीसीओडी महिलाओं में ज्यादा आम बीमारी है। दुनिया में लगभग एक तिहाई महिलाएं पीसीओएस का शिकार होती हैं जबकि पीसीओएस के मरीजों की संख्या इसके मुकाबले काफी कम है।
जाने पीसीओडी और सेक्स समस्याओं का क्या संबंध है?
एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीसीओडी और सेक्स समस्याओं के बीच बहुत गहरा संबंध होता है। क्योंकि पीसीओडी में महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते है और उनके पीरियड्स में अनियमित्ता आती है। इसलिए महिलाओं की पीसीओडी की समस्या उनकी सेक्स लाइफ से भी संबंध रखती हैं। तो चलिए जानते है पीसीओडी और सेक्स समस्याओं के बीच का संबंध।
1. पीसीओडी और सेक्स के बीच बहुत गहरा संबंध होता है क्योंकि पीसीओडी होने पर महिलाओं में सबसे पहले उनके सेक्स डिजायर कम हो जाते है। पीसीओडी से पीड़ित करीब 60 प्रतिशत महिलाओं में सेक्स के प्रति उनकी इच्छा में कमी देखी गई है।
2. पीसीओडी और सेक्स समस्याओं में दूसरे नंबर पर अनचाहे गर्भधारण करने का डर होता है। क्योंकि, पीसीओडी की वजह से मासिक धर्म अनियमित हो जाता है और ओव्यूलेशन पीरियड भी ट्रैक करना आसान नहीं होता। इसलिए इस समय अनप्रोटेक्टेड सेक्स की वजह से अनचाहे गर्भधारण का डर बना रहता है।
3. पीसीओडी और सेक्स समस्याओं में इसके बाद इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। क्योंकि, पीसीओडी की वजह से ओव्यूलेशन पीरियड अवरुद्ध होता है। जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन होने में दिक्कत हो सकती है। यह समस्या तब ज्यादा परेशान कर सकती है, जब आप बच्चा प्लान कर रहे होते है।
पीसीओडी और सेक्शुअल सेटिस्फेक्शन
पीसीओडी के कारण महिलाओं के फर्टिलिटी और गर्भधारण पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही साथ आपकी सेक्स लाइफ पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डॉक्टर्स की माने तो पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को सेक्स से वैसी कभी भी संतुष्टि नहीं मिलती जितनी आम महिला को मिलती है। या फिर यूं कहें कि हार्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से आप उन खास पलों का सही मजा नहीं ले पातीं। इसकी वजह से महिलाओं में सेक्स की इच्छा में कमी, शारीरिक उत्तेजना में कमी और सेक्स में बराबरी की भागीदारी न दे पाने जैसी समस्याएं होती हैं, जिसका की उनके पार्टनर और उनके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। अगर आपको भी लगता है कि पीसीओडी से आपकी सेक्स लाइफ खराब हो रही है, तो आपको डॉक्टर से मदद जरूर लेनी चाहिए।
पीसीओडी के लक्षण
Symptoms of PCOD
अनचाहीजगहोंमेंबालोंकीग्रोथ: महिला के शरीर में पुरुष हॉर्मोन एण्ड्रोजन ज़्यादा बनने की वजह से उनके शरीर में काफी बदलाव आ सकते है जैसे की चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर ज़्यादा बाल उगना। शरीर और चेहरे पर सामान्य से ज़्यादा बालों के उगने को अतिरोमता यानि "Hirsutism" कहते है। इसमें महिलाओं चेहरे या ठोड़ी, स्तनों, पेट, या अंगूठे और पैर की उंगलियों जैसे स्थानों पर अनचाहे बाल उग सकते हैं।
बालोंकाझड़ना: महिलाओं के शरीर में एण्ड्रोजन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ने से उसके सिर के बाल पतले हो सकते है और जिससे उनके बालों का झड़ना बढ़ सकता है।
वजनबढ़ना: पीसीओडी के कारण अक्सर महिलाएं वजन बढ़ने की समस्या के साथ संघर्ष करती रहती हैं या फिर कहे उन्हें वजन कम करने में मुश्किलें होती है।
मुंहासे: महिलाओं को हार्मोन परिवर्तन के कारण पिंपल और तैलीय त्वचा की समस्या हो सकती है।
सोनेमेंपरेशानी: पीसीओडी में महिलाओं को सोते समय परेशानी और हर समय थकान महसूस हो सकती है। साथ ही हॉर्मोन के परिवर्तन के कारण उन्हें सिर दर्द की समस्या भी हो सकती है।
गर्भवतीहोनेमेंपरेशानी: पीसीओडी महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है।
अनियमितपीरियड: पीसीओडी होने पर महिलाओं को पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या फिर बार कई महीनों तक पीरियड्स आना बंद हो जाता है। या फिर पीरियड्स के दौरान बहुत भारी ब्लीडिंग हो सकती है।
पीसीओडी के घरेलू उपचार
home remedies for PCOD
मेथी का करें सेवन: पीसीओडी में महिलाओं के शरीर का वजन काफी तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में मेथी का सेवन करना महिलाओं के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। मेथी शरीर में ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है और इससे इंसुलिन का स्तर कम होता है।
तुलसी: ये बात तो हम सभी लोग जनते है कि तुलसी के अन्दर एन्टी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं। इसलिए आपको प्रतिदिन 8-10 तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिएं। ये आपको पीसीओडी की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है।
पुदीने की पत्तियां: आपको बता दें कि महिलाओं के लिए पीसीओडी की परेशानी को कंट्रोल करने के लिए पुदीने की पत्तियां काफी ज्यादा लाभकारी हो सकती हैं। इसका सेवन करने के लिए आपको पैन में 1 गिलास पानी डालकर उससे अच्छे से गर्म करना होगा। उसके बाद इस पानी में 7 से 8 पुदीने की पत्तियां डाल दें। अब इस पानी को करीब 10 मिनट तक उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पिएं। कुछ सप्ताह तक इस पानी का सेवन करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है। साथ ही यह शरीर में अतिरिक्त बालों का बढ़ने से रोक सकता है।
दालचीनी का करें सेवन: पीसीओडी या पीसीओएस जैसी बीमारी से बचने के लिए आप दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। मेडिकल रिसर्च के अनुसार, दालचीनी का सेवन करने से इंसुलिन का स्तर कम होता है। साथ ही इससे मोटापा भी कम हो सकता है। अगर कोई महिला पीसीओडी से छुटकारा पाना चाहती हैं, तो वो 1 गिलास गर्म पानी के साथ एक चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन नियमित रूप से करती हैं, तो इससे उसकी पीसीओडी की परेशानी काफी हद तक कंट्रोल हो सकती है।
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Anil kumar
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