Jeevan Care Ayurveda
Health Expert-
Jeevan Care Ayurveda
Welcome to Jeevan care Ayurveda ! we are here to help you. Kindly choose your comfort language
Select Language
High Blood Pressure: क्या होता है हाई ब्लड प्रेशर, जानिए इसके लक्षण, कारण, उपचार इत्यादि
What is high blood pressure, know its symptoms, causes, treatment, etc.
व्यक्ति के शरीर में ब्लड प्रेशर का बढ़ना खतरनाक होता है। हाई ब्लड प्रेशर आज कल एक आम समस्या बनती जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप भी कहते है। ज्यादातर लोगों इसे गंभीरता से नहीं लेते जिसके कारण वे आसानी से इसका शिकार बन जाते है। हाई ब्लड प्रेशर का मुख्या कारण है लोगों की लाइफ स्टाइल में जिस तरह के परिवर्तन आ रहे है, वो इंसान के शरीर के अनुकूल नहीं है। खानपान में हानिकारक रसायनों और वसा का प्रयोग, देर रात तक जागना, सिगरेट और शराब का सेवन करना आदि सभी गलत आदतें शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण बनती है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 8 लोगों में से 1 व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का शिकार होता है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को अपना रक्तचाप को सामान्य रखने के लिए गोलियां का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन फिर भी कई बार वो इससे निजात नहीं पा पाते है। हालांकि, विश्व स्वास्थ संगठन भी लोगों को इस बीमारी की जानकारी देने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें। लेकिन, दुर्भाग्य की बात ये है कि इतना कुछ करने के बाद भी लोगों को इस बीमारी के बारे में आवश्यक जानकारी तक नहीं है। जिसके कारण लोग आसानी से इसके शिकार हो जाते है।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (Symptoms of High Blood Pressure)
हर बीमारी की तरह हाई ब्लड प्रेशर के भी कुछ लक्षण होते है, जो व्यक्ति में इसके शुरूआत होने के संकेत देते है। यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों पर ध्यान दे तो वह समय रहते इसका इलाज शुरू करा सकता है और पहले की तरह बिलकुल स्वास्थ्य हो सकता है।
1. लगातार सिरदर्द होना (Constant headache): हाई ब्लड प्रेशर का प्रमुख लक्षण है व्यक्ति को लगातार सिरदर्द होना है। आमतौर पर, लोगों को लगता है कि सिरदर्द तनाव के कारण ही होता है। जिसके लिए वो सिरदर्द की दवाई का सेवन करते है। लेकिन, कई बार यह सिरदर्द की समस्या लंबे समय तक रह सकती है जो हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण भी हो सकता है।
2. थकान महसूस होना (Feeling tired): व्यक्ति को बार-बार थकान महसूस होना भी हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण होता है। यदि किसी व्यक्ति को कोई भी काम करने में काफी थकान महसूस हो तो उसे इस समस्या को नज़र अदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है।
3. सीने में दर्द होना (Chest pain): यदि किसी व्यक्ति के सीने में बार-बार दर्द होता है, तो उसे इस समस्या को नज़रअदाज़ नहीं करना चाहिए। उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए और इसका इलाज सही समय पर शुरू कराना चाहिए।
4. सांस लेने में तकलीफ होना (Shortness of breath): अक्सर,ऐसा देखा गया है कि हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस लेने में तकलीफ होना भी हाई ब्लड प्रेशर का ही एक लक्षण है।
5. दिल की धड़कनों का अनियमति गति से चलना (Heart beat speed): हाई ब्लड प्रेशर का एक अन्य लक्षण दिल की धड़कने का अनियमित गति से चलना भी होता है। अगर ऐसी समस्या किसी व्यक्ति को होती है तो उससे अपने डॉक्टर को सूचना देनी चाहिए और सही समय पर इसका इलाज कराना चाहिए।
6. नींद न आना (Insomnia): आमतौर पर उच्च रक्तचाप के रोगियों के साथ यह समस्या होती है कि उन्हें रात में नींद आने में परेशानी होती है। हालांकि यह परेशानी किसी चिंता के कारण या अनिंद्रा की वजह से भी हो सकती है।
7. नाक से खून आना (bleeding nose): सांस न आना, लंबी सांस आना या सांस लेने में परेशानी होने पर एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे में व्यक्ति के हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होने की सभावना होती है। और अगर रोगी के नाक से खून आए, तब भी इसकी जांच करानी चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन होने के कारण (Due to high blood pressure)
अधिकतर मामलों में हाई ब्लड प्रेशर होने का कारण पता नहीं चलता, पर ऐसे कई रिस्क फैक्टर्स है जिनके कारण आपको हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है।
1. अधिक उम्र (Older): आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या बनती जा रही है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर होने का रिस्क भी बढ़ता जाता है। हालांकि, अब युवाओं में भी ये बीमारी पायी जाने लगी है।
2. फॅमिली हिस्ट्री (Family history): हाई ब्लड प्रेशर कई बार पीढ़ी दर पीढ़ी भी होता है यदि आपके परिवार में किसी को हाई ब्लड प्रेशर है तो आपको भी ये बीमारी होने के चांसेस बढ़ जाते है।
3. तापमान (Temperature): बहुत से लोगों में पाया गया है कि तापमान अधिक होने पर उनका हाई ब्लड प्रेशर कम रहता है। और तापमान कम होने पर हाई ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है। इसलिए अगर आप ठंडी जगहों पर रहते है तो आपका हाई ब्लड प्रेशर अधिक हो सकता है। हालांकि, ऐसा 60 साल की उम्र के बाद होना आम बात है
4. मोटापा (obesity): मोटापा मोटे लोगों के लिए खुद एक समस्या है ये अपने साथ बहुत सारी बीमारियाँ लेकर आता है, उन्ही में से एक है हाई ब्लड प्रेशर। नार्मल वेट वाले लोगों की अपेक्षा मोटे लोगों को जल्दी हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा अधिक होता है।
5. धूम्रपान (Smoking): धूम्रपान से जितनी कैंसर होने की सम्भावना होती है उससे कई ज्यादा हाई ब्लड प्रेशर होने की सम्भावना होती है। धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाते है। जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। साथ ही धूम्रपान की वजह से ख़ून में ऑक्सीजन की मात्रा भी घट जाती है
6. नमक का अधिक सेवन (Excess salt intake): कम नमक खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक नमक खाने वाले लोगों का हाई ब्लड प्रेशर अधिक होता है। इसीलिए ब्लड प्रेशर की बीमारी का निदान होने पर डॉक्टर भी नमक का सेवन करने की सलाह देते है।
7. बहुत वसा वाला खाना (High fat diet): डॉक्टर का भी मानना है कि अधिक फैट वाला खाना खाने से भी हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर का इलाज (Treatment of high blood pressure)
आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी अधिकांश लोगों में देखने को मिलती है और उनमें से कुछ लोगों की मौत की वजह भी बन जाती है। ऐसा केवल इस वजह से होता है क्योंकि लोग इसे लाइलाज बीमारी समझते है। इसी कारण वे इसका इलाज नहीं करा पाते है। लेकिन, यदि उन्हें यह पता होता कि अन्य बीमारी की तरह हाई ब्लड प्रेशर का इलाज भी संभव है। तो शयद वो बच सकते है।
1. घरेलू नुस्खे अपनाना (Adopt home remedies): किसी भी बीमारी के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे अपनाना सबसे अच्छा रहता है। अगर आप को शुरुआत ने पता चल जाये की आपको हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी हो रही है तो आप घरेलू नुस्खे से भी अपना इलाज कर सकते है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति को फल-सब्जी, होल ग्रेन इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
2. दवाई लेना (Taking medicine): घरेलू नुस्खे के अलावा हाई ब्लड प्रेशर का इलाज दवाईयों के द्ववारा भी संभव है। ये दवाईयां रक्तचाप को नियंत्रण में रखने में सहायक साबित होती है और व्यक्ति को सेहतमंद रहने में भी सहायता करती है।
3. होम्योपेथिक इलाज कराना (Homeopathic treatment): अभी के समय में होम्योपेथिक इलाज किसी भी बीमारी के लिए काफी लोकप्रिय हो रहा है। होम्योपेथिक इलाज के कम जोखिम होने के कारण ज्यादातर लोग इसे अपनाते है।
4. आयुर्वेदिक इलाज कराना (Undergoing Ayurvedic treatment): अक्सर लोग हाई ब्लड प्रेशर का इलाज आयुर्वेदिक दवाइयों के द्वारा करते है। लोगों को आयुर्वेदिक इलाज पर ज्यादा भरोसा है, इसी कारण वे अपना इलाज अंग्रेजी तरीके के बजाय आयुर्वेदिक तरीके से करना ज्यादा पसंद करते है।
5. दिल की सर्जरी कराना (Heart surgery): जब किसी हाई ब्लड प्रेशर के रोगी को दवाइयों से फायदा नहीं होता तो डॉक्टर उसे ह्रदय प्रत्यारोपण सर्जरी कराने है
हाइपरटेंशन की दवा लेने का सही समय क्या है (What is the right time to take hypertension medicine)
ब्लड प्रेशर में आपको अपने डेली रूटीन का पालन करता है। ब्लड प्रेशर में दवा का सही समय पर सेवन करना चाहिए है। ब्लड प्रेशर दिन में अधिक बढ़ जाता है और रात को सोते समय गिर जाता है। क्योंकि ब्लड का प्रेशर दिन में अधिक होता है, इसलिए आपको दिन में ही दवा खानी चाहिए है। साथ ही सुबह की दवाओं को याद रखना आसान होता है। इसके अलावा कई दवाओं से पेशाब भी ज्यादा होती है, इसलिए आपको दवा दिन में ही खानी चाहिए। ताकि आपको रात में पेशाब के लिए बार-बार न उठना पड़े।
Like Us :
Share :
Anil kumar
has just Re-Order Jeevan Care HAIR REGROW
Product Name 2
Content 2
Welcome to Jeevan care Ayurveda ! we are here to help you. Kindly choose your comfort language
Thanks to contact us ! Kindly choose the problem given below, so that we could help you in better way . Thanks