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क्या होता है मोटापा, क्या इससे कौन सी बीमारियां होती है और इससे बचने के आसान तरीके है
What is obesity, what diseases it causes and easy ways to avoid it
वैसे तो हमे आपको ये बताने की जरूरत ही नहीं है कि मोटापा क्या होता है यह आज के समय में बच्चा बच्चा जानता है कि मोटापा क्या होता है लेकिन फिर भी हम आपको बता देते हैं मोटापा एक ऐसी चीज या बीमारी है जो कि किसी भी आदमी को हो सकती है लेकिन यह उन लोगों को बहुत कम होती है जो शारीरिक मेहनत बहुत ज्यादा करते है। या किसी भी तरह का भागदौड़ भरा काम करते है। जैसे खिलाड़ी, खेत में काम करने वाला किसान या दूसरे सभी मजदूर। इन सभी में मोटापा बहुत ही कम होता है। क्योंकि यह सभी मेहनत से काम करते है। जब पूरी मेहनत के साथ काम किया जाता तो हमारे शरीर में कैलोरी टूटती रहती है। अगर शरीर में कैलोरी इख्ति होती जाएगी तो उससे मोटापा बढ़ता जायेगा। आज के समय में मोटापा लोगों की सबसे बड़ी समस्या है वो इसे कम करने के लिए कई तरह की दवाइयां खाते है, डॉक्टर्स के पास जाते है। और व्यायाम आदि करते है।
आमतौर पर हर व्यक्ति चाहता है कि वह देखने में सूंदर और आकर्षित लगे। सूंदर दिखने के लिए वो अकसर अपने चहरे पर और अपने कपड़ों पर बहुत ध्यान देता है लेकिन अपने शरीर की बनावट पर, अपने डील डॉल पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। बल्कि सच तो यह है कि शरीर की बिगड़ी हुई बनावट हमारी सुंदरता को भी समाप्त कर देती है । एक सूंदर और आकर्षित चेहरे के साथ साथ एक आकर्षक फिगर ही पूर्ण रूप से सूंदर व्यक्तित्व को जन्म देती है। लेकिन हम अपने शरीर की बनावट पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। जिसका नतीजा होता है मोटापा। मोटापा न सिर्फ देखने में बुरा लगता है बल्कि व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।
मोटापा के कारण (Cause of obesity)
1. फ़ास्ट फ़ूड (fast food): मोटापा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है फ़ास्ट फ़ूड। आये दिन बाजारों में नए नए तरह के फ़ास्ट फ़ूड आते रहते है। ऑफिस में काम करते हुए लोग इन्हीं फास्ट फ़ूड पर अधिक आश्रित रहते है, जिसकी वजह से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ते जाती है और लोग मोटे होते जाते है।
2. जिनेटिक (Genetic): कभी कभी लोगों का मोटापा जिनेटिक होता है। यानि जिनके माता – पिता मोटे होते है। तो जिनेटिकली ही वो भी मोटा हो ही जाता है।
3. अनियमित रूप से खाना (Irregular eating): अनियमित रूप से खाने से भी मोटापा बढ़ता है। कुछ लोग अपने खाने पर कण्ट्रोल नहीं रखते। जब उनका मन करता है वो कुछ न कुछ खाते ही रहते है। यही अनियमित रूप से खाना ऐसे लोगों के मोटापे के लिए उत्तरदायी होता है।
4. सोना (Over Sleeping): अगर आप आवश्यकता से अधिक सो रहे है। या किसी वजह से आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है, तो इससे मोटापा बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
5. गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दिनों में स्त्रियों में पोलीसाईटिकओवरी सिंड्रोम 10 से 20 प्रतिशत तक एफेक्ट हो जाता है. इसकी वजह से स्त्रियों में टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ जाता है, जो उनमे मोटापे का एक बहुत बड़ा कारण होता है।
मोटापा शरीर पर क्या असर करता है (What does obesity affect the body)
दुनिया भर में मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। यह रोग आपके जीवन-शैली को विपरीत रूप से प्रभावित कर सकता है। मोटापा शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे : डायबिटीज, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, हार्मोनल असंतुलन, कैंसर आदि। कुछ लोगों का कहना होता है कि वज़न बढ़ना मोटापा का एक मात्र लक्षण नहीं है। परन्तु ऐसा नहीं है। मोटापा के लक्षण शारीरिक बदलावों के रूप में भी महसूस हो सकते हैं जैसे कि नींद में परेशानी, घुटनो के जोड़ों में दर्द, सांस फूलना, गर्दन के पीछे, बगल में या श्रोणि हिस्से में चमड़ी में काले निशान, पेट पर असाधारण, गुलाबी निशान आदि।
क्या मोटापा का इलाज किया जा सकता है (Can obesity be treated)
कई लोग मोटापा को ‘lifestyle disease’ भी कहते है। इसका मतलब इस रोग का इलाज तब ही किया जा सकता है जब आप अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन करोगे और सख़्त शासन बरक़रार रखोगे। अगर आप अपने डॉक्टर के पास भी जाओगे तो वो भी आपको आपके लाइफस्टाइल में परिवत करने को बोलेगा। लेकिन अगर उससे आपके ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में अन्य किसी जटिलताओं का पता लगे, तब ही वो आपको दवाओं या सर्जरी का सुझाव देगा।
मोटापा कैसे कम करें (How to reduce obesity)
1. जीवन शैली में परिवर्तन (Lifestyle changes): अगर आप मोटापे से छुटकारा पाना चाहते है तो आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ परिवर्तन करने पड़ेगे। आपको ज़्यादा तेल में बना हुआ खाना या क्रीम-युक्त आहार, जंक फूड, आदि का सेवन कम करना पड़ेगा। अपने खाने के पकाने के तरीके पर ध्यान रखना पड़ेगा। अगर आपको माँसाहारी खाना पसंद है तो आपको उससे भुने तरीके से खाना चाहिए। इसके आलावा, हफ़्ते में 5 दिन आधा घंटा भागने, टहलने, एरोबिक्स, स्विमिंग, और साइकिलिंग करना चाहिए ये आपके सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। नियमित तौर पर व्यायाम करने की आदत डालने पर न सिर्फ वज़न कम होता है बल्कि हॉर्मोन्स भी संतुलन रहते है।
2. फार्माकोथेरेपी (Pharmacotherapy): आपके शरीर में जमी हुए चर्बी को घटाने के लिए डॉक्टर कुछ दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल भी कर सकते है। इनके सेवन से आपके खाने की इच्छा को कम, या आपके पाचन की गति को धीमा हो सकती है। ध्यान में रखें आपको डॉक्टर दवा लेने की सलाह तब ही देंगे। जब कुछ अवधि के लिए अपने जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश की गई हो और कामयाब न हो पाए। डॉक्टर पहले आपको कुछ ओरल दवा निर्धारित करेंगे जिससे वज़न घटाने में आसानी हो। हाल ही में, वज़न घटाने के लिए इंजेक्टेबल दवा भी अनुमोदित किए गए है।
3. बेरिएट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery): सर्जरी के बारे में तब ही सोचना चाहिए जब आप 1-2 साल से वज़न घटाने की कोशिश कर रहे हो और कामयाब नहीं हो पा रहे हो। अगर आपका BMI 37.5 से ऊपर हो, या 32.5 हो और और साथ में अन्य कोई बीमारी न हो जैसे type 2 मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, आदि, तब आप सर्जरी करवा सकते है।
क्या होती है बेरिएट्रिक सर्जरी और इसे कैसे किया जाता है (What is bariatric surgery and how to do it)
बेरिएट्रिक सर्जरी दो प्रकार की होती है (There are two types of bariatric surgery)
Restrictive surgery: इस सर्जरी में पेट के आकर को कम किया जाता है, जिसकी वजह से आपका पेट ज़्यादा देरी तक भरा हुआ महसूस होता है। एक प्रकार की restrictive सर्जरी को स्लीव गेस्ट्रोक्टॉमी को कहा जाता है जिसमे छोटे कट के इस्तेमाल से पेट के एक हिस्से को लापरोस्कोपिक निकला जाता है।
Malabsorption surgery: Malabsorption सर्जरी जैसे की गैस्ट्रिक बाईपास करने पर आपके पेट का खाना पचाने की क्षमता कम हो जाती है।
क्या सर्जरी के बाद मोटापा वापिस आ सकता (Can obesity return after surgery)
हालांकि ऐसा बहुत कम केसों में होता है कि सर्जरी के बाद मोटापा वापिस आ जाये। सर्जरी का प्रभाव व्यक्ति के शरीर में लंबे समय तक रहता है, लेकिन सावधानियां न बरतने पर आपका वज़न फिर से बढ़ने लग सकता है सर्जरी आपके खाने की इच्छा को कम कर सकता है, लेकिन अपने आहार पर शासन बनाए रखना आपकी ज़िम्मेदारी है। अगर आप अपने डॉक्टर की सलाह से अपने सेहत और आहार पर संतुलन बनाए रखें तो आप पहले 6 महीनों में तेज़ी से आपका वज़न कम होता हुआ महसूस करेंगे। 6 महीने के बाद वज़न घटना कम या धीमा हो जाता है, और 2 साल के अंदर वज़न घटना रुक जाता है।
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Anil kumar
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